नाचते समय आया हार्ट अटैक — एक चौंकाने वाली हकीकत
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मनोरंजन और फिटनेस के लिए लोग डांस को एक बेहतरीन विकल्प मानते हैं। डांस सिर्फ एक कला नहीं, बल्कि शारीरिक व्यायाम का भी रूप है, जिससे शरीर सक्रिय रहता है और मन प्रसन्न। लेकिन हाल ही में बढ़ते मामलों में देखा गया है कि डांस करते वक्त कुछ लोगों को अचानक हार्ट अटैक आ जाता है। यह घटनाएं न केवल चौंकाती हैं बल्कि सोचने पर भी मजबूर करती हैं — क्या डांस करते समय हार्ट अटैक आ सकता है? और अगर हां, तो क्यों?
डांस करते समय शरीर में अत्यधिक ऊर्जा की जरूरत होती है। यह एक कार्डियो एक्सरसाइज की तरह काम करता है जिसमें दिल की धड़कन तेज होती है, रक्त प्रवाह बढ़ता है और शरीर पसीने से तर हो जाता है। यह सब कुछ सामान्य रूप से स्वस्थ व्यक्ति के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन जिन लोगों को पहले से हृदय संबंधी कोई समस्या होती है या जिनकी जीवनशैली असंतुलित होती है (जैसे अत्यधिक तनाव, खराब खानपान, धूम्रपान, शराब आदि), उनके लिए यह भारी साबित हो सकता है।
कुछ मामलों में, युवा लोग जिन्हें खुद यह भी नहीं पता होता कि उन्हें कोई हृदय रोग है, वे अचानक डांस करते हुए गिर जाते हैं और कुछ ही मिनटों में उनकी मृत्यु हो जाती है। यह "सडन कार्डियक अरेस्ट" के अंतर्गत आता है। इस स्थिति में दिल की धड़कन अचानक रुक जाती है और समय पर सीपीआर या प्राथमिक चिकित्सा न मिले तो जान जाना तय है।
एक बड़ा कारण यह भी हो सकता है कि लोग बिना वार्मअप के ही ऊर्जावान डांस स्टेप्स करने लगते हैं। इससे शरीर को झटका लगता है और दिल पर अचानक दबाव पड़ता है। खासकर शादी, पार्टियों या स्टेज पर परफॉर्म करते वक्त जब व्यक्ति उत्साह में अपनी क्षमता से ज्यादा नाचता है, तो यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
इसलिए डांस करने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- अगर आप 30 वर्ष से ऊपर हैं, तो हृदय जांच कराना ज़रूरी है।
- डांस या किसी भी भारी गतिविधि से पहले वार्मअप और स्ट्रेचिंग करें।
- यदि थकान, चक्कर, सीने में दर्द या सांस लेने में दिक्कत हो, तो तुरंत रुक जाएं।
- हृदय संबंधी इतिहास होने पर डॉक्टर की सलाह से ही डांस करें।
- किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में प्राथमिक चिकित्सा (CPR) देने वाला स्टाफ मौजूद होना चाहिए।
डांस जीवन का उत्सव है, लेकिन सावधानी के साथ। यदि हम थोड़ा सतर्क रहें और अपने शरीर की सीमाओं को समझें, तो हम डांस को सुरक्षित और सुखद बना सकते हैं। याद रखिए, शरीर को समझना और उसकी देखभाल करना ही असली फिटनेस है।



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